भारत की बड़ी सफलता, फ्रांस खरीदेगा भारत में बना ‘Pinaka’, आर्मेनिया ने पहले ही दिया ऑर्डर
Pinaka: भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। फ्रांस अब भारत में निर्मित पिनाका मल्टी-बारल रॉकेट लांचर सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है। अगर यह सौदा सफल होता है तो यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए एक बड़ी जीत साबित होगा। इस समय, फ्रांसीसी सेना के उच्च अधिकारी भारत में हैं और वे पिनाका रॉकेट लांचर सिस्टम की क्षमता का मूल्यांकन कर रहे हैं।
पिनाका के उपयोगिता का मूल्यांकन
फ्रांसीसी सेना के ब्रिगेडियर जनरल स्टेफान रिचो ने कहा, “हम इस मल्टी-बारल रॉकेट लांचर सिस्टम का मूल्यांकन कर रहे हैं ताकि यह समझा जा सके कि यह हमारी रक्षा आवश्यकताओं के अनुसार कितना उपयुक्त है।” उन्होंने कहा कि फ्रांस को ऐसे रॉकेट सिस्टम की आवश्यकता है और इसी संदर्भ में पिनाका और अन्य समान प्रणालियों का तुलनात्मक मूल्यांकन किया जा रहा है। यह कदम भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। वरिष्ठ फ्रांसीसी अधिकारी भारत में सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आए हुए हैं।
पिनाका रॉकेट लांचर की विशेषताएँ
पिनाका रॉकेट लांचर सिस्टम कई संस्करणों में उपलब्ध है और इसकी रेंज 75 किलोमीटर से भी अधिक है। इससे पहले, आर्मेनिया ने इस सिस्टम को खरीदने के लिए ऑर्डर दिया था और कई अन्य देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। यह सिस्टम भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है और इसे सोलर इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा और ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड जैसी कंपनियों द्वारा संयुक्त रूप से उत्पादित किया जा रहा है।
कारगिल युद्ध में पिनाका का सफलता की कहानी
पिनाका रॉकेट सिस्टम का पहली बार 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में इस्तेमाल किया गया था। भारतीय सेना ने इसका उपयोग पाकिस्तान के पोस्टों को सटीक रूप से निशाना बनाने के लिए किया था। पिनाका मार्क-1 संस्करण ने दुश्मन को अपनी पहाड़ी छिपने वाली जगहों से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। यह सिस्टम की सफलता के बाद ही भारत ने इसके आधुनिक संस्करणों पर काम किया और पिनाका ने अंतरराष्ट्रीय पहचान भी प्राप्त की।
‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा नया पहचान
फ्रांस की पिनाका में रुचि को भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। इससे भारत के रक्षा उपकरणों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा। भारत, जो पहले तक रक्षा उपकरणों के लिए कई देशों पर निर्भर था, अब स्वयं उपकरण बना रहा है जिन्हें विदेशों में सराहा जा रहा है और अन्य देशों के लिए यह आवश्यक माने जा रहे हैं।
भारत के रक्षा उपकरणों के निर्यात में वृद्धि
पिनाका के आदेश के बाद, भारत के रक्षा निर्यात में भी तेजी देखी जा रही है। आर्मेनिया ने पहले ही इस सिस्टम को खरीदने का आदेश दिया है और अब फ्रांस जैसे देश भी इसे अपनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। यह दिखाता है कि भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है और अब अन्य देश भारतीय उत्पादों पर भरोसा दिखा रहे हैं।
वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा
फ्रांस का पिनाका में रुचि दिखाना भारत के लिए गर्व की बात है और यह ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता को प्रदर्शित करता है। यह न केवल भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि भारत की प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर भी बढ़ा रहा है। यह दर्शाता है कि भारत अब रक्षा उद्योग में अपनी क्षमता को साबित करने में सफल रहा है और भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकारा जा रहा है।
फ्रांस और भारत के बीच बढ़ता रक्षा सहयोग
फ्रांस की सेना के अधिकारी भारत में पिनाका का मूल्यांकन करने के लिए आए हैं और यह कदम दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। फ्रांस और भारत के बीच पहले से ही कई रक्षा समझौते हैं, और इस नए सौदे से दोनों देशों के बीच सहयोग और बढ़ेगा। फ्रांस के अधिकारियों ने इस प्रणाली की कार्यक्षमता और उसकी सामरिक उपयोगिता का निरीक्षण किया है, जो भविष्य में रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के रिश्तों को और प्रगाढ़ कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिनाका की मांग
भारत में बने पिनाका रॉकेट लांचर सिस्टम की बढ़ती मांग यह संकेत देती है कि भारतीय रक्षा उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बना रहे हैं। आर्मेनिया जैसे देश ने पहले ही इसे अपनी रक्षा प्रणाली में शामिल किया है और अब फ्रांस भी इस प्रणाली को अपना सकता है। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो अपने रक्षा उत्पादों को वैश्विक बाजार में पेश करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है।
भविष्य में और अधिक निर्यात
भारत के रक्षा निर्यात में इस तरह की बढ़ोतरी से यह भी संकेत मिलता है कि भविष्य में भारतीय रक्षा उत्पादों का निर्यात और भी अधिक बढ़ सकता है। ‘मेक इन इंडिया’ की पहल के तहत भारत के रक्षा उद्योग को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिल रही है और यह देश के लिए आत्मनिर्भरता के रास्ते को और मजबूती प्रदान कर रहा है।
फ्रांस का पिनाका रॉकेट लांचर में रुचि दिखाना भारत के लिए गर्व का क्षण है और यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता को साबित करता है। यह न केवल भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को भी बढ़ावा दे रहा है। पिनाका के निर्यात में वृद्धि और विदेशी देशों की रुचि भारत की रक्षा क्षमता को प्रमाणित करती है और भारत को वैश्विक रक्षा उत्पादक के रूप में स्थापित करती है।